Thursday, January 31, 2008

पक्के शराबी थे बुश, अच्छी शोहबत से छूटी लत

वाशिंगटन। आज दुनिया के सबसे ताकतवर राष्ट्र के राष्ट्रपति बने जार्ज डब्ल्यू बुश के बारे में यह कौन सोच सकता है कि कभी वह पक्के शराबी हुआ करते थे। उन्हें एक बार नशे में गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। लेकिन ये बातें खुद बुश ने कही हैं। उनकी शराब की लत अच्छी शोहबत के चलते छूटी।

बुश ने बताया कि 21 साल पहले धार्मिक शिक्षा के प्रभाव के चलते वह शराब की लत छोड़ने में कामयाब हुए थे। बाल्टीमोर में एक कार्यक्रम के दौरान बुश ने स्वीकार किया कि जिदंगी के एक पड़ाव पर वह बिल्कुल शराबी बन चुके थे और ऐसा लगता था कि वह अब शराब की लत नहीं छोड़ पाएंगे। लेकिन एक धार्मिक संगठन के संपर्क में आने के बाद उन्होंने शराब की लत पर काबू पाया और फिर सामान्य जिंदगी शुरू कर दी।

बुश ने पिछले साल एक इंटरव्यू में भी माना था कि वह जवानी में एक शराबी बन चुके थे लेकिन 40 साल की उम्र में उन्होंने इस बुरी लत को छोड़ दिया था। वर्ष 2000 में अमेरिकी चुनाव प्रचार के दौरान बुश ने स्वीकार किया था कि वर्ष 1976 में उन्हें नशे में गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था।

Wednesday, January 30, 2008

मलेशिया: मंदिरों में मोमबत्ती जलाने पर विवाद

कुआलालंपुर।मलेशिया में हिंदू राइट्सएक्शन फोर्स [हिंड्राफ] के पांच नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में देश के हिंदू मंदिरों में मोमबत्ती जलाकर किए गए प्रदर्शन की भारतीय मूल के मलेशियाईमंत्री एस सामी वेल्लूने निंदा की है।

उन्होंने कहा, पूजा स्थल पर इस अपवित्र कार्य द्वारा 20लाख से अधिक हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा है। दरअसल, हिंदू समुदाय मंदिरों में मोमबत्ती नहीं जलाते हैं। हम लोग मंदिरों में कुट्टूविलाकू[दीया] जलाते हैं। इस कदम से हिंदुओं को ठेस पहुंची है।

मलेशियाईअखबार द न्यू स्ट्रेट्सटाइम्स ने सोमवार को इस संबंध में खबर प्रकाशित की है। गौरतलब है कि पिछले साल 15नवंबर को एक विरोध रैली आयोजित करने के कारण आंतरिक सुरक्षा कानून के तहत हिंद्राफ के पांच नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।

सरकार ने इन नेताओं पर आतंकियों से सांठ-गांठ का आरोप लगाया था। लेकिन इन नेताओं ने इससे इनकार किया। सरकार ने इस रैली को गैरकानूनी करार दिया था।

गौरतलब है कि मलेशिया में हिंड्राफ तमिल हिंदुओं का नेतृत्व करता है। वहीं मलेशियाईमूल के भारतीय समुदाय का नेतृत्व मलेशियाईइंडियन कांग्रेस [एमआईसी] के मंत्री वेल्लूकरते हैं। मलेशिया में उत्तर भारत के हिंदी भाषी लोगों का भी अपना समूह है।

मलेशियाईसमाचार पत्र द स्टार का कहना है कि देश में सभी राजनीतिक दल समय से पूर्व होने वाले आम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, मलेशिया के प्रधानमंत्री अब्दुल्लाहअहमद बदवईने एक साक्षात्कार में कहा था कि वह समय से पूर्व आम चुनाव कराएंगे।

Monday, January 28, 2008

शिक्षक ने चाकू की नोंक पर उतरवाई पैंट

टोक्यो। यहां सोमवार को एक स्कूल के शिक्षक को गिरफ्तार किया गया। शिक्षक पर चाकू की नोंक पर बच्चों के कपड़े उतरवाने और उनके अंत:वस्त्र चुराने का आरोप है।
कुछ दिन पहले की बात है कि 12-13 साल के आठ लड़के अपने स्कूल में खेल रहे थे। तभी एक 26 साल का युवक वहां पहुंचा। युवक किसी अन्य स्कूल में शिक्षक है। युवक के डर से दो बच्चे तो भाग गए, लेकिन बाकी लड़कों के कपड़े उतरवाने में वह कामयाब हो गया। उस युवक ने चाकू की नोंक पर बच्चों के कपड़े उतरवाए। पुलिस का कहना है कि एक लड़का तो चाकू से जख्मी भी हो गया था। बहरहाल, यह शिक्षक अब पुलिस की गिरफ्त में है और पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।

कोमल बन रहा है पृथ्वी का मध्य हिस्सा

वैज्ञानिकों ने ऐसे सबूत मिलने का दावा किया है जिनसे पता चलता है कि पृथ्वी का मध्य हिस्सा कोमल बन रहा है।अमेरिकी अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद पाया है कि पृथ्वी की सबसे अंदरूनी सतह में इलेक्ट्रानिक गुण हैं जिसकी वजह से उत्पन्न होने वाली ध्वनि बताती है कि यह हिस्सा अत्यंत कोमल है।


साइंस डेली में प्रमुख अनुसंधानकर्ता अलेग्जेंडर गोचारोव के हवाले से कहा गया है कि भूगर्भ विज्ञान के लिए सबसे अहम बात ध्वनि का निकलना है। हमने अंदरूनी सतह के खनिजों की तन्यता [इलास्टिसिटी] पर अधिक दबाव डाला, उसे धीरे-धीरे कम किया और उसका अध्ययन किया। उन्होंने आगे कहा है कि दबाव डालने के बाद हमने पाया कि जब दबाव बढ़ाया जाता है तब अंदरूनी सतह अत्यंत कोमल हो जाती है।

अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि अंदरूनी सतह का विस्तार 660 किमी से 2900 किमी तक है और फिर यह ऊपरी सतह के बाहर फैल जाती है। इसकी संरचना ताप और दबाव के प्रति अत्यंत संवेदनशील होती है।



Sunday, April 15, 2007

महिलाओं का शहर

महिलओं का शहर बनाएगा चीन

चीन विश्व का पहला ऐसा शहर तैयार कर रहा है जो 'महिलाओं का शहर' कहलायेगा। ये ऐसा शहर होगा, जहाँ औरतें ही सभी निर्णय लेंगीं और आज्ञा न मानने वाले पुरुषों को सजा मिलेगी। चाँगकिगँ के शुयाँगकियो जिले को ऐसे शहर के रुप में विकसित किया जा रहा है। इस शहर का क्षेत्रफ़्ल २३ वर्ग किलोमीटर है। इसके मुख्य द्वार पर लिखा होगा-"औरत कभी गलति नहीं करती, पुरुष कभी भी औरत के अनुरोध को ठुकरा नहीं सकते।" इस शहर के निर्माण में दो वर्ष का समय लगेगा और यह मनोरंजन और आराम का महत्वपूर्ण केंद्र होगा। इस शहर में भ्रमण के लिये प्रवेश करने वाले टूर ग्रुप में खरीददारी से संबंधित निर्णय मे महिलाएं हीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इस शहर में पुरुषों के लिये सजा का भी प्रावधान है और यह भी निर्धारित किया गया है कि उन्हें किस अपराध के लिये क्या सजा मिलेगी। आज्ञा का पालन न करने वाले पुरुषों को या तो घुटने के बल खड़े होने अथवा रेस्टोरेंट में वर्तन साफ़ करने की सजा मिलेगी।

Friday, April 6, 2007

जब बिल्ली ने जान बचायी

एक पालतू बिल्ली ने वफ़ादारी का फ़र्ज निभाते हुए अपने मालिक के परिवार की जिन्दगी को मौत के मुंह मे जाने से बचा लिया। मामला न्यू कैसल के एरिक और केथी किसलिंग के घर का है। गत २४ मार्च को जहरीली कार्बन मोनो आक्साइड गैस के धुएं से पूरा घर उस समय भर गया, जब सब लोग बेसुध सोये हुए थे। खतरे को भांप कर १४ वर्षीय बिल्ली विन्नी ने अपने मालिक-मालकिन के बिस्तर पर म्याउं-म्याउं करते हुए उछल कूद मचानी शुरु कर दी। बिल्ली की शोरगुल के कारण पूरा परिवार जग गया और सब लोग घर से बाहर निकल गये। बिल्ली के मालिक एरिक और कैथी का कहना है कि उनके घर के निचले तल पर रखे गैसोलीन चालित पानी के पंप से एक गंध रहित खतर्नाक गैस बनने लगी। करीब रात के १ बजे बिल्ली ने कैथी के कानों के पास जोर से म्याउं-म्याउं करना शुरु कर दिया। बिल्ली ऐसे चिल्ला रही थी मानो वह पागल हो गयी हो।

Thursday, April 5, 2007

वह चाय पीकर जिंदा है

सत्तर वर्षीय चाँद कौर पिछले बत्तीस वर्षों से सिर्फ़ दो कप चाय के बूते पर चुस्त-दुरुस्त ढंग से जिंदा है। चाँद कौर चाय के अलावा कुछ खाती-पीती नहीं। पिछले पांच सालों से उन्हे पेशाबघर जाने की भी जरुरत नही पड़ी। बत्तीस साल पहले वह भीषण रूप से बीमार पड़ गई थीं और तब वैद्यजी की सलाह पर उन्होंने खाना छोड़ दिया था। उपवास से वह न केवल स्वस्थ हो गईं बल्कि भोजन की सर्थकता भी उनके लिये गौण हो गई। वह जो चाय पीती हैं, उसे भी कुछ समय बाद सप्रयास शरीर से बाहर निकाल देती हैं। ऐसा न करने पर उन्हे तकलीफ़ हो जाती है। खाना छोड़ने के बाद उन्होंने एक बच्चे को भी जन्म दिया जो आज २७ साल का नौजवान है।